हर साल इस भाई को राखी बांधती थीं अहिल्या बाई, एमपी के इस गांव में है इनके रिश्ते की निशानी
दीपक पांडे/खरगोन. आप सभी जानते ही होंगे कि होल्कर राज्य की महारानी देवी अहिल्या बाई होल्कर अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका एक भाई भी था? अगर नहीं तो आज हम आपको उस भाई के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें वह हर साल राखी बांधती थीं।
1792 में अहिल्या बाई ने मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर छोटी कसरावद में रहने वाले बोन्दर सिंह राठौड़ को अपने भाई के रूप में स्वीकार किया था। वे तीन साल तक भाई-बहन के रिश्ते में रहे और वह बोन्दर सिंह को राखी भी बांधती रही। अहिल्याबाई ने बोन्दर सिंह को एक मकान भी उपहार में दिया था, जिसमें उनका परिवार रहता था। लेकिन 8 अगस्त 1795 को अहिल्या बाई की मृत्यु के साथ ही भाई-बहन का यह रिश्ता भी ख़त्म हो गया। लेकिन इतने सालों बाद भी भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक बोंदर सिंह के लिए अहिल्या बाई द्वारा बनवाया गया यह घर आज भी उसी गांव में उसी रूप में मौजूद है। इतना ही नहीं बोंदर सिंह के वंशज आज भी इस घर में रहते हैं.
राजेश सिंह राठौड़ के वंशज आज भी वहीं हैं
बोंदर सिंह के वंशज राजेश सिंह राठौड़ का कहना है कि अब उनके छोटे भाई का परिवार इस मकान में रहता है. वह खुद इसी मकान के सामने बने मकान में अपने परिवार के साथ रहते हैं। राजेश बताते हैं कि जिस घर में वह अब रहते हैं वह पहले जेल के तौर पर इस्तेमाल होता था। घर की नींव पर अनोखे नक्काशीदार पत्थर के दरवाजे लगे हैं और मुख्य द्वार पर मां अहिल्या देवी का प्रवेश द्वार स्थित है।
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पहले प्रकाशित: 4 अगस्त, 2023, 17:22 IST
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