शशि कपूर की हीरोइन, पहली फिल्म से बन गई थी स्टार, प्यार में मिला धोखा, जवानी में चल बसी, 4 कंधे भी नसीब नहीं हुए
नई दिल्ली। बॉलीवुड की चकाचौंध में न जाने कितने सितारे चमकते हैं और फीके पड़ जाते हैं। कुछ लोग अपनी जगह बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो कुछ इधर-उधर भटकते रह जाते हैं और उनकी जिंदगी एक दर्दनाक मोड़ पर खत्म हो जाती है। ऐसी ही एक बॉलीवुड एक्ट्रेस थीं विम्मी। विम्मी उन चंद बॉलीवुड हीरोइनों में से एक हैं जिन्होंने 60 और 70 के दशक में कुछ बॉलीवुड फिल्मों में काम करके अपनी लोकप्रियता को आसमान पर पहुंचा दिया। लेकिन इसके बाद भी उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों ही उतार-चढ़ाव से भरी रहीं और किसी अच्छे मुकाम पर नहीं पहुंच पाईं।
क्या आप जानते हैं कि इतनी मशहूर और खूबसूरत होने के बावजूद भी उनकी जिंदगी में कभी खुशियां नहीं रहीं। सबकुछ होने के बावजूद भी वो अपनी जिंदगी का सुख नहीं भोग पाईं। उस दौर में आलीशान जिंदगी जीने वाली और हजारों रुपए कमाने वाली ये अभिनेत्री कुछ ही सालों में कैसे बर्बाद हो गई कि उसका फिल्मी करियर खत्म हो गया और वो वेश्यावृत्ति जैसे काम में लग गई। क्या आप यकीन करेंगे कि महज 34 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली इस अभिनेत्री को अपने पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए चार कंधे भी नहीं मिले?
संगीत निर्देशक पहली नजर में ही उसकी खूबसूरती से प्रभावित हो गया
विमी का जन्म 1943 में पंजाब के जालंधर में हुआ था। छोटी सी उम्र में ही विमी की शादी उस समय के मशहूर उद्योगपति के बेटे शिव अग्रवाल से हो गई। विमी के माता-पिता उनकी शादी के खिलाफ थे। इस शादी से विमी के दो बच्चे हुए। जब वह अपने पति के साथ कलकत्ता में एक पार्टी में पहुंचीं तो उनकी मुलाकात म्यूजिक डायरेक्टर रवि से हुई। रवि विमी की खूबसूरती से काफी प्रभावित हुए। रवि ने विमी से पूछा, ‘तुम फिल्मों में काम क्यों नहीं करती’? उन्हें जवाब मिला- ‘मैं दो बच्चों की मां हूं, मुझे फिल्मों में कौन काम देगा?’ रवि ने विमी और उनके पति शिव को मुंबई बुलाया और फिर उनकी मुलाकात बीआर चोपड़ा से कराई। यहीं पर बीआर चोपड़ा ने उन्हें उनकी पहली फिल्म ‘हमराज’ ऑफर की।
ससुराल वालों के खिलाफ जाकर खत्म किया करियर
उनके ससुराल वाले नहीं चाहते थे कि विम्मी फिल्मों में काम करें, लेकिन उन्हें अपने पति का साथ मिला। जब उनके पति ने उनके माता-पिता की बात नहीं मानी तो उनके माता-पिता ने उन्हें संपत्ति से बेदखल कर दिया और घर से बाहर निकाल दिया। अब घर चलाने की पूरी जिम्मेदारी विम्मी के कंधों पर आ गई थी। विम्मी ने हिंदी सिनेमा में साल 1967 में रिलीज हुई फिल्म ‘हमराज’ से डेब्यू किया था। फिल्म में राजकुमार, सुनील दत्त और मुमताज मुख्य भूमिका में थे, लेकिन ज्यादातर लोगों की नजरें विम्मी की खूबसूरती पर टिकी थीं।
बी.आर. चोपड़ा ने उन्हें अपनी पहली फिल्म ‘हमराज़’ ऑफर की।
जब बी.आर. चोपड़ा ने गुस्से में तोड़ दिया था कॉन्ट्रैक्ट
विमी ने इसके बाद एक के बाद एक हिट फिल्मों में काम किया। विमी बॉलीवुड की उन मशहूर अभिनेत्रियों में से एक थीं जिन्होंने अपने समय में सुनील दत्त, शशि कपूर और राज कुमार के साथ काम किया था। बीआर चोपड़ा के साथ फिल्मों में एंट्री करने वाली विमी ने उनके साथ 3 फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। विमी को कई फिल्मों के ऑफर मिले, लेकिन बीआर चोपड़ा के कॉन्ट्रैक्ट की वजह से वह फिल्में साइन नहीं कर पा रही थीं। एक दिन दोनों में किसी फिल्म को लेकर बहस हो गई और बीआर चोपड़ा ने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट से मुक्त कर दिया।
जब आर्थिक तंगी के कारण पति से रिश्ते खराब हो गए
विम्मी को काम तो मिला, लेकिन उनकी सफलता खत्म होती जा रही थी क्योंकि उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं। फ्लॉप फिल्मों के बाद निर्माता पीछे हट गए। उन्हें फिल्में मिलनी बंद हो गईं और देखते ही देखते उनकी सारी जमापूंजी खत्म हो गई। जब आर्थिक तंगी आई तो उनके पति शिव को शराब की लत लग गई और उन्होंने विम्मी को पीटना शुरू कर दिया। शिव विम्मी को छोटे-मोटे निर्माताओं के साथ औसत दर्जे का काम करने के लिए मजबूर करते थे और पति से उनके रिश्ते खराब होने लगे।
प्रेमी ने उसे वेश्यावृत्ति में धकेल दिया
इसी दौरान विमी को फिल्म प्रोड्यूसर जॉली से प्यार हो गया। विमी अपने पति को छोड़कर जॉली के साथ रहने लगीं। विमी की जिंदगी में ये प्यार भी कुछ ही दिनों तक चलने वाला था। कुछ दिनों बाद जॉली ने विमी को शराब की लत लगा दी और इसी लत की वजह से उसने एक्ट्रेस को वेश्यावृत्ति की ओर धकेल दिया। विमी का करियर पूरी तरह बर्बाद हो गया।
शव को ठेले पर रखकर श्मशान घाट ले जाया गया
ऐसे में महज 10 साल में विमी का करियर बर्बाद हो गया और वो अकेले रहने को मजबूर हो गईं। महज 34 साल की उम्र में विमी का लिवर पूरी तरह खराब हो गया था। बीमारी का इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें एक अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया था। जब विमी की मौत हुई तो न तो उनकी अर्थी उठाने वाला कोई था और न ही श्मशान घाट ले जाने वाला। ऐसे में कभी लग्जरी कारों में घूमने वाली विमी के शव को ठेले पर श्मशान घाट ले जाया गया।
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पहले प्रकाशित : 6 सितंबर, 2024, 06:55 IST
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