रिश्तों के लिए खतरनाक है चिंता, रिश्ते में सुरक्षित रहने के लिए अपनी सोच में लाएं 6 सकारात्मक बदलाव, तभी दूर होगा खोने का डर
रिश्तों में चिंता पर काबू कैसे पाएं: जब हम किसी के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप में होते हैं तो हम अपने पार्टनर की पहली प्राथमिकता बनने की हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर परिस्थिति में आप उनकी पहली प्राथमिकता ही रहें। व्यावहारिक जीवन में परिस्थितियों के साथ प्राथमिकताओं में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है और इन बातों को दिल पर नहीं लेना चाहिए। लेकिन सच तो यह है कि अगर आप थोड़े समय के लिए भी अपने पार्टनर की जिंदगी में दूसरी या तीसरी प्राथमिकता बन जाते हैं तो अंदर ही अंदर एक अजीब सी असुरक्षा की भावना पैदा होने लगती है और आपको लगने लगता है कि आप किसी तरह की परेशानी से गुजरने वाले हैं। लेकिन आपको बता दें कि इस तरह की चिंता रिश्ते को खराब करने का काम करती है। अगर आप अपने रिश्ते को मजबूत और सुरक्षित रखना चाहते हैं तो अपनी सोच में सकारात्मक बदलाव लाना जरूरी है। आइए जानते हैं कैसे।
रिलेशनशिप में एंग्जायटी को दूर करने के लिए अपनी सोच में लाएं ये बदलाव(How to Overcome Anxiety in Relationship)-
1. अगर आपको अपने पार्टनर के व्यस्त होने पर गुस्सा आता है, तो बेहतर होगा कि आप अपने पार्टनर के व्यस्त होने पर अपनी लाइफ को एन्जॉय करें और अपने लिए क्वालिटी टाइम निकालें।
2. अगर आप अपनी जरूरतों को व्यक्त करने में असहज महसूस कर रहे हैं या अपने साथी को यह नहीं बता पा रहे हैं कि आप क्या चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप अपने साथी से खुलकर बात करें और अपनी भावनाएं साझा करें।
3. हर समय अपने पार्टनर की पहली प्राथमिकता बनने की कोशिश न करें। बेहतर होगा कि आप समझें कि उसकी कई और ज़िम्मेदारियाँ भी हैं जिन्हें उसे पूरा करना है।
यह भी पढ़ें:पार्टनर के साथ आपकी बॉन्डिंग अच्छी है या नहीं, इन 5 तरीकों से जानें वरना हर वक्त डरे रहेंगे
4. अगर आप किसी रिश्ते में अकेले रहने से डरते हैं, तो बेहतर होगा कि आप यह समझ लें कि अकेलापन या बोरियत महसूस होना एक सामान्य बात है।
5. अगर आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को समझ नहीं पा रहा है तो गुस्सा होने की बजाय बेहतर होगा कि आप खुद उसे बताएं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं और वह आपकी किस तरह मदद कर सकता है।
यह भी पढ़ें: भावनात्मक संबंध क्या है? यह शादीशुदा ज़िंदगी को कैसे बर्बाद करता है? जानिए इसके लक्षण
6. अगर आप सोचते हैं कि प्यार का मतलब है सब कुछ साथ में करना या हर काम साथ में करना, तो बेहतर होगा कि आप यह समझ लें कि हर स्वस्थ रिश्ते की अपनी सीमाएं होती हैं और हर व्यक्ति को अपनी पसंद की चीजें करने की आजादी होनी चाहिए। इस तरह आप अपने रिश्ते में सुरक्षित महसूस करेंगे और आपके बीच का विश्वास भी बरकरार रहेगा।
टैग: जीवन शैली, शारीरिक संबंध
पहले प्रकाशित : 8 जुलाई, 2024, 17:24 IST
Source link