क्या है ‘माइक्रो चीटिंग’? जो है रिश्ते में दूरियों की वजह, कहीं आपका पार्टनर तो नहीं…
माइक्रो चीटिंग क्या है: किसी रिश्ते में बंधने से ज़्यादा उसे निभाना मुश्किल होता है। आजकल ब्रेकअप और तलाक की खबरें भी बहुत आम हैं। इन दिनों रिलेशनशिप में एक ऐसा शब्द इस्तेमाल हो रहा है जिसके बारे में जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी है। यह नया शब्द है माइक्रो चीटिंग, तो आइए जानते हैं इसके बारे में और यह आपके रिश्ते को कैसे प्रभावित कर सकता है…
आजकल माइक्रो चीटिंग से कई रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। आप में से कई लोगों ने इसके बारे में पढ़ा या सुना होगा। लेकिन फिर भी ज़्यादातर लोगों को इसके बारे में कम ही जानकारी होगी। दरअसल माइक्रो चीटिंग का मतलब है जब आप अपने पार्टनर के आस-पास रहते हुए किसी दूसरे व्यक्ति के करीब जाने लगते हैं। ऐसा जाने-अनजाने में होता है। आजकल ज़्यादातर लोग अपना समय घर पर नहीं बल्कि ऑफ़िस में बिताते हैं। ऐसे में जाने-अनजाने में वो कई बातें दूसरों से शेयर करने लगते हैं और धीरे-धीरे अपनी ज़िंदगी की छोटी-बड़ी बातें भी उन्हें बताने लगते हैं और इसी चीज़ को माइक्रो चीटिंग कहते हैं।
आपके पार्टनर के साथ झगड़े बढ़ेंगे
माइक्रो चीटिंग के कारण आप अपने पार्टनर को समय देना बंद कर देते हैं और उस व्यक्ति के साथ ज्यादा खुश महसूस करते हैं जिसके साथ आपकी बॉन्डिंग धीरे-धीरे बढ़ रही है। इस दौरान व्यक्ति अपने पार्टनर को प्राथमिकता देना भी भूल जाता है, जिसके कारण रिश्तों में दूरियां बढ़ने लगती हैं और एक-दूसरे के बीच झगड़े भी बढ़ जाते हैं।
माइक्रो चीटिंग को कैसे पहचानें?
-अगर आपके पार्टनर का फोन हमेशा बिजी रहता है तो संभव है कि वह आपको धोखा दे रहा है।
-अगर आपके पार्टनर के फोन में डेटिंग ऐप्स हैं, तो भी माइक्रो चीटिंग की संभावना बनी रहती है।
-अगर आपका पार्टनर आपको किसी खास कार्यक्रम में ले जाना पसंद नहीं करता तो इसका मतलब है कि उसने अपने मन में किसी और के लिए जगह बना ली है।
पहले प्रकाशित : 3 जुलाई, 2024, 18:52 IST
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