मिलिए शादीराम से, ये 35 दिन में करवाते हैं शादियां, अब तक करवा चुके हैं 914 शादियां, 2121 शादियां करवाने का है लक्ष्य
मधुबनी। कहते हैं कि रिश्ते स्वर्ग में बनते हैं। या भगवान जोड़ियां बनाता है। लेकिन इस धरती पर जोड़ियां बनाने का एक तरीका है। और वो तरीका है मधुबनी के शादीराम उर्फ घटकराज। वो शादियां तय करते हैं। वो रिश्ते तय करते हैं। अब तक वो करीब एक हजार शादियां तय कर चुके हैं और उन्हें और रिश्ते तय करने हैं।
मधुबनी के इस शख्स ने कमाल कर दिखाया है। लोगों की शादी कराना घटकराज का शौक है। वे अब तक 914 से ज्यादा शादियां करवा चुके हैं। उनका लक्ष्य 2121 शादियां करवाने का है। अगर किसी व्यक्ति के पास रिलेशनशिप के लिए सही मार्गदर्शन नहीं है तो वे उनसे संपर्क करते हैं और वे 35 से 105 दिनों के अंदर रिश्ता करवा देते हैं।
एसएससी छोड़ मैरिज ब्यूरो शुरू किया
शादीराम के मुताबिक, वह 1988 से यह काम कर रहे हैं। उन्होंने 1992 में एसएससी भी क्वालिफाई किया। लेकिन नौकरी करने की बजाय उन्होंने यह काम चुना और आज तक यही काम कर रहे हैं।
दहेज मुक्त विवाह
शादीराम द्वारा कराई गई शादियां पूरी तरह दहेज मुक्त होती हैं। घटकराज कहते हैं कि अब तक उनके द्वारा कराई गई सभी शादियां दहेज मुक्त रही हैं। आज तक उनके द्वारा कराए गए रिश्तों में कोई दरार नहीं आई है। न ही किसी के साथ कोई अनहोनी हुई है। शादियां कराने का मुख्य उद्देश्य समाज को बेहतर बनाना है। शादीराम ने मिथिला, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली समेत देश के अलग-अलग राज्यों में कई शादियां कराई हैं।
बाजार में मजबूत मांग
घटकराज आम दिनों में भी काफी व्यस्त रहते हैं। उनके पास दर्जनों लड़के-लड़कियों की कुंडली मौजूद रहती है। वे दूल्हा-दुल्हन को उनकी मांग के अनुसार शादी के प्रस्ताव दिखाते हैं। शादियों के मौसम में घटकराज एक दिन में कई बारातों में शामिल होते हैं। वे अपने साथ विजिटिंग कार्ड भी रखते हैं ताकि लोगों से जुड़े रह सकें।
गरीबी में बीता जीवन
शादी राम का असली नाम नवीन झा है। बचपन के दिनों को याद करते हुए वे कहते हैं कि उन्होंने बहुत गरीबी में जीवन जिया। बहुत छोटी उम्र में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया था। ऐसे में परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर आ गई। वे कहते हैं कि अगर मैं समाज की चिंता करता हूं तो समाज का भी कर्तव्य है कि वह मेरा भी ख्याल रखे। ऐसे में समाज मेरी जरूरतों को पूरा करता है।
कोई सलाहकार शुल्क नहीं
घटकराज रिश्ते की बातचीत या शादी पूरी होने के बाद भी किसी तरह की कंसल्टेंट फीस नहीं लेते हैं। यानी पूरा काम मुफ्त है। लोग स्वेच्छा से उन्हें पैसे देते हैं और वे उसे स्वीकार कर लेते हैं। वे गरीब लड़कियों की शादी करवाने की जिम्मेदारी खुद उठाते हैं। उनके मुताबिक, अब तक वे अपने पैसे से 14 लड़कियों की शादी करवा चुके हैं। यह सिलसिला अभी भी जारी है।
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पहले प्रकाशित : 14 जून, 2024, 07:43 IST
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