इन्हें पतली दुल्हन नहीं चाहिए भारी दुल्हन, लटकी हुई चर्बी है खूबसूरती का गहना, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप
लड़कियों को शादी के लिए मजबूर किया जा रहा है: शादी तय होते ही हर लड़की घर पर ही घंटों योगा, जिम या एक्सरसाइज करना शुरू कर देती है। इतना ही नहीं, इस ‘खास दिन’ पर सबसे खूबसूरत दिखने के लिए कई लड़कियां डाइटीशियन के पास जाती हैं और खास डाइट फॉलो करती हैं। लेकिन सोचिए अगर हम आपसे कहें कि एक जगह ऐसी भी है जहां शादी से पहले लड़की को ढेर सारा खाना खिलाया जाता है। ऐसा एक-दो दिन नहीं बल्कि महीनों तक किया जाता है। ताकि होने वाली दुल्हन पतली नहीं बल्कि मोटी दिखे। यहां असली खूबसूरती दुल्हन के रेशमी बाल और स्लिम बॉडी को नहीं बल्कि लव हैंडल और निकला हुआ पेट माना जाता है।
आपने शादियों से जुड़े कई अनोखे रिवाज सुने होंगे। जैसे कुछ मामलों में दूल्हे को श्लोक पढ़ना पड़ता है तो कुछ मामलों में दुल्हन को अपने देवरों को डंडे से पीटना पड़ता है। लेकिन आज हम आपको शादी के एक अनोखे रिवाज के बारे में बता रहे हैं जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। यह रिवाज है लड़कियों को मोटा करने का। जहां पूरी दुनिया में ‘जीरो फिगर’ का चलन चल रहा है, वहीं अफ्रीका के एक देश में शादी से पहले लड़कियों का वजन बढ़ाया जाता है। अफ्रीकी देश मुर्तनिया की लड़कियां सालों से इस परंपरा का पालन करती आ रही हैं। मुर्तनिया पश्चिमी अफ्रीका का एक देश है जहां इस परंपरा को ‘लेबुलु’ के नाम से जाना जाता है।
केवल मोटी महिलाएं ही सुंदर होती हैं
मुर्तनिया के ग्रामीण इलाकों में शादी की ये प्रथा सालों से चली आ रही है. यहां ‘लेबू’ के नाम पर जैसे ही लड़कियां वयस्क होने लगती हैं, उन्हें जबरन बहुत अधिक कैलोरी वाला खाना खिलाया जाता है. यहां लड़कियों को बहुत तैलीय और वजन बढ़ाने वाली चीजें खिलाई जाती हैं. उन्हें बड़े-बड़े कटोरे में दूध, मूंगफली का तेल और शुद्ध पशु चर्बी खिलाई जाती है. इस रिवाज के पीछे वजह ये है कि यहां महिलाओं का भारी शरीर उनकी खूबसूरती की पहचान होती है. शरीर में लटकती भारी चर्बी और पेट पर स्ट्रेच मार्क्स खूबसूरती की निशानी माने जाते हैं. यही वजह है कि 13-14 साल की लड़कियों को हर दिन इतना तैलीय खाना खिलाया जाता है कि कई बार तो उन्हें उल्टी भी हो जाती है. लेकिन वहां ये सामान्य बात मानी जाती है. ऐसा माना जाता है कि शादी के वक्त लड़की जितनी मोटी होगी, उसके पति के दिन में उतनी ही जगह होगी.
लड़कियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
वैसे तो ये एक पुरानी परंपरा है, लेकिन कई लड़कियां और संगठन लगातार इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। सीएनएन ने ‘महिलाएं मॉरिटानिया की मोटा करने वाली परंपरा से लड़ती हैं’ शीर्षक से एक रिपोर्ट में बताया कि कैसे कई संगठन इस परंपरा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। दरअसल, जहां WHO के मुताबिक एक सामान्य महिला को प्रतिदिन 2000 कैलोरी तक लेनी चाहिए, वहीं इस परंपरा के कारण कम उम्र की लड़कियों को एक दिन में 16,000 कैलोरी तक खाने को मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में शादी के लिए ‘मोटी’ बनाई जाने वाली ये लड़कियां शादी के बाद हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियों, हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं से जूझती हैं। इस रिपोर्ट में मरियम अहमद कहती हैं, ‘अब समय आ गया है कि मॉरिटानिया की परंपरा इतिहास बन जाए। लड़कियों को इन प्रथाओं से बचाना हमारी जिम्मेदारी है जो उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती हैं।’
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पहले प्रकाशित : 6 मई, 2024, 14:56 IST
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