एक ट्रांसजेंडर बेटी की दिल को छू लेने वाली कहानी, मां की सेवा के लिए छोड़ दी गुरु पद और सुविधाएं, जरूर देखें ये वीडियो
कोटा. आपने अक्सर किसी बेटे या बेटी को अपने माता-पिता की सेवा करते हुए देखा या सुना होगा। किन्नर समुदाय के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं जो समाज की मुख्यधारा से कटे होने के बावजूद भी सभी को आशीर्वाद देते हैं। कोटा की इस समुदाय की एक बेटी ने अपनी मां की देखभाल के लिए किन्नर गुरु का पद और सभी सुविधाएं त्याग दी। अब वह अपनी बीमार मां की दिन-रात सेवा कर रही है।
ये कहानी है कोटा की नैना देवी किन्नर की। उन्होंने अपनी बुजुर्ग मां की सेवा के लिए अपने सारे सुख-सुविधाएं त्याग दीं। नैना देवी सालों से पंजाब में रह रही थीं। वो किन्नर गुरु बन गई थीं। लेकिन वो अपना किन्नर गादीपति पद छोड़कर कोटा आ गईं। 2021 में नैना देवी को पता चला कि उनकी मां को कैंसर है। इस खबर ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। वो अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में पीछे नहीं हटीं। उन्होंने पंजाब में आलीशान बंगला और किन्नर समुदाय की गुरु का पद छोड़ दिया और तुरंत मां की सेवा के लिए कोटा आ गईं।
उन्होंने अपनी माँ के लिए अपना सारा पद और सुविधाएँ त्याग दीं
मंगलमुखी नैना देवी किन्नर ने बताया कि उनका जन्म कोटा में हुआ था। 2016 में वे कोटा से पंजाब चली गईं। वहां वे किन्नर समुदाय के साथ रह रही थीं। वहां उन्हें गादीपति गुरु का दर्जा दिया गया था। जीवन अच्छे से चल रहा था। 2021 में कोटा से सूचना मिली कि उनकी मां अस्वस्थ हैं। उन्हें कैंसर था। मां की बीमारी के बारे में सुनकर वे पंजाब में अपना घर और पद छोड़कर कोटा आ गईं और यहां मां की सेवा करने लगीं।
अपनी झोली आशीर्वाद से भर लो
नैना देवी ने बताया कि उनकी योग्यता के कारण उन्हें पंजाब में गुरु का दर्जा दिया गया था। लेकिन वे अपना सब कुछ छोड़कर वापस आ गईं। अब कोटा में वे अपनी गुरु मनीषा बाई किन्नर के साथ मिलकर मां की सेवा के साथ-साथ समाज सेवा भी करती हैं। वे शादी-ब्याह और बच्चों के जन्म के मौके पर लोगों के घर जाती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं।
पहले प्रकाशित : 12 जून, 2024, 15:47 IST
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